Sunday, 30 July 2017

Caste system ब्राह्मण राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है!

Think about
#ब्राह्मण_क्षत्रिय_वैश्य_और_शूद्र_
सनातन हिंदू धर्म के चौथे स्तम्भ यानी शुद्र जाति के कुछ संगठन और लोग आजकल बाकी तीनो स्तम्भों पर आरोप लगाते है!
की शुद्र को दबाया गया कुचला गया कुछ हद तक सही है ये लेकिन ये कहाँ तक उचित है की अगर आप पर जुल्म हुवे तो उसे गा गा कर दुनिया को सुनाये और उसी जाति ने जब आपको अपने सर आखों पर बिठाया तो उसका नाम भी ना लें ???
क्षत्रिय कुल वधु मीरा के गुरु एक शुद्र जाति के थे नाम है संत रैदास!
भगवान् राम के पिता दशरथ के मंत्री सुमंत शुद्र थे!
महर्षि वाल्मीकि जिन्होंने कालजयी ग्रन्थ रामायण की रचना की वो शुद्र ही थे!
अयोध्या में 1990 में राममंदिर की शिला रखने वाले कामेश्वर शुद्र थे!
वाराणसी में शंकराचार्य ने डोम के घर खाना खाया था!
विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में पूजा का अधिकार शबर यानी शुद्र को ही है!
महाभारत में जिस मत्रिमंडल का वर्णन है जिसमे 54 सदस्य है!
उनमे 4 ब्राह्मण 18 क्षत्रिय ,21 वैश्य और 3 शुद्र और 1 सूत के लिए आरक्षित था!
क्या आप इसे ब्राह्मणवादी प्रधान संस्कृति कहेंगे ??
हिन्दू धर्म जातियां हमेशा कर्म आधारित रही है जैसे।
लोहे का काम करने वाला लोहार।
सोने का काम करने वाला सोनार।
और चमड़े का काम करने वाला चमार।
क्षत्रिय यानी क्षत यानी चोट से रक्षा करने वाला क्षत्रिय माना जाता था!
मुर्दा छूने वाला डोम दाग देने वाला!
#रजस्वला स्त्री और घृणित कार्य करने वालों को #अछूत माना जाता था!
#आदिवासी शब्द 1931 में सबसे पहले  अंग्रेजो के द्वारा उपयोग किया गया आदिवासियों का धर्म परिवर्तन तथा भारत की धार्मिक एकता को तोड़ने के लिए!
वैसे ही #गुंडा शब्द!
वैसे ही दलित शब्द 1970 में पहली बार प्रयोग किया गया!
राजनीतिक स्वार्थ के लिए कांशीराम ने बहुजन शब्द का इस्तेमाल 1984 में पहली बार किया!
जिस आदिवासी, दलित और बहुजन शब्द का इस्तेमाल शूद्रों से वोट लेने के लिए किया गया वो शब्द भारतीय संविधान में आपको कहीं नहीं मिलेगा!
”बाबा साहेब अम्बेडकर खुद शूद्रों को सूर्यवंशी क्षत्रिय कहते थे और ये भी कहते थे की #शुद्र राजा शूद्रक की वंशज हैं और जो लोग वर्तमान जातिप्रथा के लिए मनु स्मृति को दोष देते हैं उन्हें पता होना चाहिए की मनु समृति सतयुग के लिए बनी थी!
कलयुग के लिए #परासर_स्मृति है!
वैसे ही जैसे द्वापर के लिए शंख स्मृति और त्रेता युग के लिए गौतम स्मृति का निर्माण किया गया था!
भारत में जाति प्रथा केवल नेताओं और राजनीतिक पार्टियों ने पैदा किया अंग्रेजों के लिखे देश विरोधी इतिहास का आधार लेकर और जिन #ब्राह्मणों को लोग आज गाली देते हैं उनकी जानकारी के लिए बता दूँ की #ब्राह्मण कोई जाति नहीं बल्कि गुण का नाम है!
ब्राह्मण राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है!
चाणक्य ने कुटिया को अपना निवास स्थान चुना।
सुदामा जैसे ब्राह्मण मधु को इक्कठा कर अपना जीवन यापन करते थे!
द्रोणाचार्य इतने गरीब थे कि अपने पुत्र को सतुवा घोल कर पिलाए पर कभी अपने जीवन में गोदान नहीं माँगा। जबकि उस समय दूध की नदियाँ बहती थी ।
द्रोणाचार्य अर्जुन को चक्रव्हूह भेदने का रहस्य जमीन पे रेखा चित्र बनाकर समझा रहे थे तभी उनका पुत्र अस्वस्थामा वहां आ गया, द्रोणाचार्य ने तुरंत उस रेखाचित्र को मिटा दिया की कहीं उनका पुत्र वो विद्या ना सिख ले...!
ऐसे ब्राह्मण थे द्रोणाचार्य!
क्या यही ब्राह्मणवाद है जिसे आज कुछ राजनीतिक और आदिवासी चिंतक कोसते हैं???
इस्लामी, अंग्रेज, मार्क्सवादी, कम्युनिस्ट, साम्यवादी वगैरह जो भी आया भारतीयों को बर्बाद कर गया!
कारण यह है की बिना सच को जानें हमने सबपर विश्वास किया।
हमने कभी नहीं सोचा हमारे देश की संस्कृति, धर्म और आर्थिक स्थिति क्यों सबसे महान थी।
बस यही हमारी गलती है और आज भी हम जात पात, धर्म में बंट चुके है और महान भारत की महान संस्कृति को भूल चुके है!
या बिना सच को जाने उस महान भारतीय संस्कृति का विरोध करते है!
समझ में नहीं आता हम भारतीय ही है या भारत के दुश्मन...???
कोई शक!
जय श्री राम

Rainy monsoon means चौमासा के कर्तव्य-

श्रवण+श्रावण=श्रावणी
चौमासा के कर्तव्य-
चौमासा से तात्पर्य है वर्षा ऋतु।
वर्षा ऋतु के आगमन के साथ ही
पर्यटन, आवागमन दक्षिणायन के कारण विवाह आदि संस्कार उत्सव को छोड़कर पूरी तरह से कृषिकार्य में ध्यान लगाने का विधान है क्योंकि वर्षा वाली खेती में चूक से पूरा साल अन्न का संकट हो जाता है।
आषाढ़ और एक पक्ष श्रावण के परिश्रम से जब धान, मक्का, ज्वार, बाजरा , तिल, माष की खेती बढ़ने लहराने लगती है किसान के पास विशेष काम नहीं होता है ऐसे समय में
"श्रावणी उपाकर्म "
नाम का अनुष्ठान आरंभ होता है। नगर, ग्राम से दूर आश्रमों, साधनास्थलों से योगी, तपस्वी, विद्वानों को अपने- अपने नगर ग्राम में आमंत्रित करते हैं। श्रावण पूर्णिमा के दिन नर- नारी एकत्रित होकर नया यज्ञोपवीत जनेऊ धारण करते हैं। श्रेष्ठ विद्वान् के साथ स्वाध्याय और सत्संग का सत्र आरंभ होता है। योग और वेद शास्त्र के सिद्धांतों की सूक्ष्मता से अध्ययन, विवेचन, विमर्श किया जाता है, सभी शंकाओं पर गहन विमर्श द्वारा  समाधान होता है। योगाभ्यास और ध्यान का अभ्यास होता है। पूरे सत्र में वेद के किसी सूक्त, मण्डल, अध्याय, किसी उपनिषद व शास्त्र के स्वाध्याय पठन-पाठन​ को पूरा करने का संकल्प लिया जाता है।
इस श्रावणी उपाकर्म सत्र की परंपरा के कारण ,
वैदिक साहित्य के स्वाध्याय के कारण,
वैदिक विद्वानों और योगियों के साथ सत्संग और योगाभ्यास के कारण,
इस देश के निवासियों का आध्यात्मिक और भौतिक ज्ञान विश्व में सदैव चरम पर रहा।

Dr Abdul Kalaam

डॉ० एपीजे अब्दुल कलाम की चन्द लाईनें जो हमे जीवन में हमेशा याद रखनी चाहिए। और हो सके तो उसे अमल भी करना चाहिये।
------------------------------------------------

1. जिदंगी मे कभी भी किसी को
      बेकार मत समझना,क्योक़ि
        बंद पडी घडी भी दिन में
          दो बार सही समय बताती है।

2. किसी की बुराई तलाश करने
      वाले इंसान की मिसाल उस
       मक्खी की तरह है जो सारे
         खूबसूरत जिस्म को छोडकर
           केवल जख्म पर ही बैठती है।

3. टूट जाता है गरीबी मे
      वो रिश्ता जो खास होता है,
        हजारो यार बनते है
          जब पैसा पास होता है।

4. मुस्करा कर देखो तो
      सारा जहाॅ रंगीन है,
        वर्ना भीगी पलको
          से तो आईना भी
             धुधंला नजर आता है।

5..जल्द मिलने वाली चीजे
      ज्यादा दिन तक नही चलती,
        और जो चीजे ज्यादा
           दिन तक चलती है
             वो जल्दी नही मिलती।

6. बुरे दिनो का एक
      अच्छा फायदा
         अच्छे-अच्छे दोस्त
            परखे जाते है।

7. बीमारी खरगोश की तरह
      आती है और कछुए की तरह
        जाती है;
          जबकि पैसा कछुए की तरह
             आता है और.खरगोश की
                तरह जाता है।

8. छोटी छोटी बातो मे
      आनंद खोजना चाहिए
        क्योकि बङी बङी तो
          जीवन मे कुछ ही होती है।

9. ईश्वर से कुछ मांगने पर
      न मिले तो उससे नाराज
        ना होना क्योकि ईश्वर
           वह नही देता जो आपको
             अच्छा लगता है बल्कि
             वह देता है जो आपके लिए
                    अच्छा होता है

10. लगातार हो रही
        असफलताओ से निराश
           नही होना चाहिए क्योक़ि
           कभी-कभी गुच्छे की आखिरी
           चाबी भी ताला खोल देती है।

11. ये सोच है हम इसांनो की
        कि एक अकेला
          क्या कर सकता है
             पर देख जरा उस सूरज को
           वो अकेला ही तो चमकता है।

12. रिश्ते चाहे कितने ही बुरे हो
        उन्हे तोङना मत क्योकि
          पानी चाहे कितना भी गंदा हो
           अगर प्यास नही बुझा सकता
              वो आग तो बुझा सकता है।

13. अब वफा की उम्मीद भी
         किस से करे भला
            मिटटी के बने लोग
               कागजो मे बिक जाते है।

14. इंसान की तरह बोलना
         न आये तो जानवर की तरह
             मौन रहना अच्छा है।

15. जब हम बोलना
         नही जानते थे तो
           हमारे बोले बिना'माँ'
      हमारी बातो को समझ जाती थी।
            और आज हम हर बात पर
                 कहते है छोङो भी 'माँ'
                  आप नही समझोंगी।

16. शुक्र गुजार हूँ
        उन तमाम लोगो का
           जिन्होने बुरे वक्त मे
              मेरा साथ छोङ दिया
                 क्योकि उन्हे भरोसा था
                    कि मै मुसीबतो से
              अकेले ही निपट सकता हूँ।

17. शर्म की अमीरी से
         इज्जत की गरीबी अच्छी है।

18. जिदंगी मे उतार चङाव
         का आना बहुत जरुरी है
          क्योकि ECG मे सीधी लाईन
            का मतलब मौत ही होता है।

19. रिश्ते आजकल रोटी
         की तरह हो गए है
            जरा सी आंच तेज क्या हुई
            जल भुनकर खाक हो जाते।

20. जिदंगी मे अच्छे लोगो की
        तलाश मत करो
          खुद अच्छे बन जाओ
            आपसे मिलकर शायद
               किसी की तालाश पूरी हो।

Lord Shiva names

http://www.sharechat.co
.   🍃 ॐ नम:  शिवाय 🍃
🌷**•🍃•*´`*•¸🍃¸•*´`*•.🌷
            ,-"""-,
           !  ==  !
           !   @  !🍃🍃
  🍃 ('''"""""""""")===
🍃🍃 '>------<''''''''"🍃🍃
🌷**•🍃•*´`*•¸🍃¸•*´`*•.🌷
   🙏 हर हर महादेव हर 🙏
🌷**•🍃•*´`*•¸🍃¸•*´`*•.🌷  
  ॐॐॐजयशिवशंकरॐॐॐ
🌷**•🍃•*´`*•¸🍃¸•*´`*•.🌷
  ॐॐनमःपावॅतीपतेयनमःॐॐ
🌷**•🍃•*´`*•¸🍃¸•*´`*•.🌷
     🍃 ॐ नम: सिवाय🍃
ॐॐॐॐ ॐॐॐॐ ॐॐॐy
     🍃 ॐ नम:  शिवाय 🍃
🍃🍂🍁🍃🍁🍃🍁🍂🍃
🙏જય જય શીવ શંભુ દાતાર🙏
🙏 LOVEGURU 🙏
भगवान शिव के 108 नाम ----
१- ॐ भोलेनाथ नमः
२-ॐ कैलाश पति नमः
३-ॐ भूतनाथ नमः
४-ॐ नंदराज नमः
५-ॐ नन्दी की सवारी नमः
६-ॐ ज्योतिलिंग नमः
७-ॐ महाकाल नमः
८-ॐ रुद्रनाथ नमः
९-ॐ भीमशंकर नमः
१०-ॐ नटराज नमः
११-ॐ प्रलेयन्कार नमः
१२-ॐ चंद्रमोली नमः
१३-ॐ डमरूधारी नमः
१४-ॐ चंद्रधारी नमः
१५-ॐ मलिकार्जुन नमः
१६-ॐ भीमेश्वर नमः
१७-ॐ विषधारी नमः
१८-ॐ बम भोले नमः
१९-ॐ ओंकार स्वामी नमः
२०-ॐ ओंकारेश्वर नमः
२१-ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः
२२-ॐ विश्वनाथ नमः
२३-ॐ अनादिदेव नमः
२४-ॐ उमापति नमः
२५-ॐ गोरापति नमः
२६-ॐ गणपिता नमः
२७-ॐ भोले बाबा नमः
२८-ॐ शिवजी नमः
२९-ॐ शम्भु नमः
३०-ॐ नीलकंठ नमः
३१-ॐ महाकालेश्वर नमः
३२-ॐ त्रिपुरारी नमः
३३-ॐ त्रिलोकनाथ नमः
३४-ॐ त्रिनेत्रधारी नमः
३५-ॐ बर्फानी बाबा नमः
३६-ॐ जगतपिता नमः
३७-ॐ मृत्युन्जन नमः
३८-ॐ नागधारी नमः
३९- ॐ रामेश्वर नमः
४०-ॐ लंकेश्वर नमः
४१-ॐ अमरनाथ नमः
४२-ॐ केदारनाथ नमः
४३-ॐ मंगलेश्वर नमः
४४-ॐ अर्धनारीश्वर नमः
४५-ॐ नागार्जुन नमः
४६-ॐ जटाधारी नमः
४७-ॐ नीलेश्वर नमः
४८-ॐ गलसर्पमाला नमः
४९- ॐ दीनानाथ नमः
५०-ॐ सोमनाथ नमः
५१-ॐ जोगी नमः
५२-ॐ भंडारी बाबा नमः
५३-ॐ बमलेहरी नमः
५४-ॐ गोरीशंकर नमः
५५-ॐ शिवाकांत नमः
५६-ॐ महेश्वराए नमः
५७-ॐ महेश नमः
५८-ॐ ओलोकानाथ नमः
५४-ॐ आदिनाथ नमः
६०-ॐ देवदेवेश्वर नमः
६१-ॐ प्राणनाथ नमः
६२-ॐ शिवम् नमः
६३-ॐ महादानी नमः
६४-ॐ शिवदानी नमः
६५-ॐ संकटहारी नमः
६६-ॐ महेश्वर नमः
६७-ॐ रुंडमालाधारी नमः
६८-ॐ जगपालनकर्ता नमः
६९-ॐ पशुपति नमः
७०-ॐ संगमेश्वर नमः
७१-ॐ दक्षेश्वर नमः
७२-ॐ घ्रेनश्वर नमः
७३-ॐ मणिमहेश नमः
७४-ॐ अनादी नमः
७५-ॐ अमर नमः
७६-ॐ आशुतोष महाराज नमः
७७-ॐ विलवकेश्वर नमः
७८-ॐ अचलेश्वर नमः
७९-ॐ अभयंकर नमः
८०-ॐ पातालेश्वर नमः
८१-ॐ धूधेश्वर नमः
८२-ॐ सर्पधारी नमः
८३-ॐ त्रिलोकिनरेश नमः
८४-ॐ हठ योगी नमः
८५-ॐ विश्लेश्वर नमः
८६- ॐ नागाधिराज नमः
८७- ॐ सर्वेश्वर नमः
८८-ॐ उमाकांत नमः
८९-ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः
९०-ॐ त्रिकालदर्शी नमः
९१-ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः
९२-ॐ महादेव नमः
९३-ॐ गढ़शंकर नमः
९४-ॐ मुक्तेश्वर नमः
९५-ॐ नटेषर नमः
९६-ॐ गिरजापति नमः
९७- ॐ भद्रेश्वर नमः
९८-ॐ त्रिपुनाशक नमः
९९-ॐ निर्जेश्वर नमः
१०० -ॐ किरातेश्वर नमः
१०१-ॐ जागेश्वर नमः
१०२-ॐ अबधूतपति नमः
१०३ -ॐ भीलपति नमः
१०४-ॐ जितनाथ नमः
१०५-ॐ वृषेश्वर नमः
१०६-ॐ भूतेश्वर नमः
१०७-ॐ बैजूनाथ नमः
१०८-ॐ नागेश्वर नमः
🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞
HAR HAR MAHA DEV

LOVEGURU.....

*"दूसरों को समझना*
        *बुद्धिमानी है,*
*खुद को समझना*
        *असली ज्ञान है।*
*"जिसने संसार को*
       *बदलने की कोशिश की*
*वो हार गया*
       *और*.                     *जिसने खुद को बदल लिया*
       *वो जीत गया।"*

   

              🌺*शुभ प्रभात* 🌺