मीरा का प्रीतम
प्रश्न: आपने कहा कि गीता के कृष्ण से मीरा का कोई संबंध नहीं है।
लेकिन मीरा तो कहती है कि मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई। तो यह गिरधर गोपाल कौन है? स्पष्ट करने की कृपा करें।
गिरधर गोपाल का गीता में कहीं भी उल्लेख है?
कृष्ण पूर्ण अवतार हैं। कृष्ण के बहुत रूप हैं। कृष्ण उतने रूपों में प्रकट हुए हैं जितने रूप हो सकते हैं। गीता का कृष्ण तो सिर्फ एक ही रूप है कृष्ण का। शंकराचार्य उस रूप के प्रेम में हैं, श्री अरविंद उस रूप के प्रेम में हैं, लोकमान्य तिलक उस रूप के प्रेम में हैं।
गीता पर हजारों टीकाएं लिखी गई हैं। कृष्ण उसमें समाप्त नहीं हैं। वह कृष्ण की एक तरंग है। वह एक दृश्य है कृष्ण के जीवन का। उस दृश्य को पूरा कृष्ण मत समझ लेना, अन्यथा भूल हो जाती है। कृष्ण उससे बहुत ज्यादा हैं।
इसलिए तो मीरा कहती है: मेरे तो गिरधर गोपाल! यह गिरधर गोपाल कृष्ण का दूसरा रूप है, जिसने पर्वत को हाथ पर उठा लिया था। ये श्रीमद्भागवत के कृष्ण हैं। ये कृष्ण हैं, जिन्होंने मटकियों से माखन चुराया। ये कृष्ण हैं, जिन्होंने गोपियों की मटकियों पर कंकड़ मार कर मटकियां तोड़ीं। ये कृष्ण हैं, जिन्होंने रास रचाया यमुना के तट पर। ये कृष्ण हैं, जो नाचे; जिनके हाथ में बांसुरी है; जिनके सिर पर मोरमुकुट है; जो पीतांबर ओढ़े हुए हैं। ये कृष्ण की सौंदर्य—प्रतिमा, ये कृष्ण का शृंगार रूप! ये कृष्ण मनमोहन हैं!
तो तुम गलत मत समझ लेना। मैंने यह नहीं कहा कि मीरा किसी और कृष्ण के प्रेम में है। मैंने सिर्फ इतना कहा कि गीता के कृष्ण के प्रेम में मीरा नहीं है। नहीं तो गीता पर व्याख्या करती। कृष्ण को मीरा ने ऐसे देखा जैसे राधा ने देखा होगा, जैसे और सखियों ने देखा होगा। युद्ध के मैदान पर खड़े कृष्ण नहीं—ब्रज की कुंज गलिन में रास रचाते, बंसी वट में बांसुरी बजाते, गाएं चराते! कृष्ण का यह जो मनमोहक रूप है, कृष्ण का यह जो प्रीतम रूप है—मीरा इस रूप के प्रेम में है।
और ध्यान रखना: कृष्ण इतने विराट हैं कि तुम अपनी मनपसंद का कृष्ण चुन सकते हो। सूरदास ने कोई तीसरा ही कृष्ण चुना है। वह छोटा सा बालक कृष्ण, पैर में गुनगुनियां बांधे, नंग—धड़ंग, यशोदा को परेशान कर रहा है। सूरदास ने बालक कृष्ण को चुना है। सूरदास के लिए बालकृष्ण काफी हैं। वह छोटे से कृष्ण की लीला, बाललीला! वह सूरदास को भा गई है। सूरदास का प्रेम कृष्ण के प्रति वात्सल्य का प्रेम है। छोटे बच्चे के प्रति। छोटे बच्चे की लीलाएं, खेलों के प्रति। छोटे बच्चे के मचलने के प्रति। सूरदास वात्सल्य से कृष्ण को देखे।
मीरा का कृष्ण मीरा का पति है। मीरा का कृष्ण मीरा का प्यारा है, प्रीतम है। छोटे बच्चे की तरह मीरा ने कृष्ण को नहीं चुना है; संगी—साथी की तरह, मित्र की तरह। जैसे कोई स्त्री पति को चुने, ऐसा मीरा ने कृष्ण को चुना है।
ओशो❤️❤️
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