Saturday, 23 November 2019

Arjun

एक बार अर्जुन ने कृष्ण से पूछा-
माधव.. ये 'सफल जीवन' क्या होता है ?

कृष्ण अर्जुन को पतंग  उड़ाने ले गए।  
अर्जुन कृष्ण  को ध्यान से पतंग उड़ाते देख रहा था.

थोड़ी देर बाद अर्जुन बोला-

माधव.. ये धागे की वजह से पतंग अपनी आजादी से और ऊपर की ओर नहीं जा पा रही है, क्या हम इसे तोड़ दें ? ये और ऊपर चली जाएगी|

कृष्ण ने धागा तोड़ दिया ..

पतंग थोड़ा सा और ऊपर गई और उसके बाद लहरा कर नीचे आयी और दूर अनजान जगह पर जा कर गिर गई...

तब कृष्ण ने अर्जुन को जीवन का दर्शन समझाया...
पार्थ..  'जिंदगी में हम जिस ऊंचाई पर हैं.. 
हमें अक्सर लगता की कुछ चीजें, जिनसे हम बंधे हैं वे हमें और ऊपर जाने से रोक रही हैं; जैसे :
            -घर-
         -परिवार-
       -अनुशासन-
      -माता-पिता-
       -गुरू-और-
          -समाज-

और हम उनसे आजाद होना चाहते हैं...

वास्तव में यही वो धागे होते हैं - जो हमें उस ऊंचाई पर बना के रखते हैं..

'इन धागों के बिना हम एक बार तो ऊपर जायेंगे परन्तु बाद में हमारा वो ही हश्र होगा, जो बिन धागे की पतंग का हुआ...'

"अतः जीवन में यदि तुम ऊंचाइयों पर बने रहना चाहते हो तो, कभी भी इन धागों से रिश्ता मत तोड़ना.."

*धागे और पतंग जैसे जुड़ाव* *के सफल संतुलन से मिली हुई ऊंचाई को ही 'सफल जीवन कहते हैं*.."

*सभी का जीवन मंगलमय हो*
🙏ऊँ श्री श्याम देवाय नम: 🙏

Wednesday, 20 November 2019

kaali mirch

जुकाम में दिलाए तुरंत राहत काली मिर्च, ये घरेलू उपाय करेंगे सर्दी-जुकाम में फायदा

काली मिर्च भोजन में इस्तेमाल किए जाने वाले गर्म मसाले का अहम हिस्सा है। यह न केवल हमारे भोजन का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि कई बीमारियों के इलाज में सहायक भी साबित होती है। इसके बारे में जानकारी दे रही हैं रजनी अरोड़ा

सर्दी-जुकाम में फायदेमंद
सर्दी, जुकाम-खांसी में 1-2 काली मिर्च के दाने, 4-5 तुलसी के पत्तों की चाय दिन में कम से कम दो बार पिएं।

खांसी में काली मिर्च, पीपल और सोंठ बराबर मात्रा में पीस लें। तैयार 2 ग्राम चूर्ण शहद के साथ दिन में 2-3 बार खाएं।
4-5 काली मिर्च करीब 15 दाने किशमिश के साथ खाना खांसी में लाभकारी है।

खांसी होने पर 100 ग्राम गुड़ पिघला कर 20 ग्राम काली मिर्च का पाउडर मिलाएं। थोड़ा ठंडा होने पर उसकी छोटी-छोटी गोलियां बना लें। खाना खाने के बाद 2-2 गोलियां खाने से आराम मिलता है।
 इन 5 घरेलू उपायों से तुरंत खुल जाएगी बंद नाक और गले को मिलेगा आराम
नाक बंद हो तो दालचीनी, काली मिर्च, इलायची और जीरे को बराबर मात्रा में लेकर तवे पर भूनें। इनको पीस कर छोटे-से सूती कपड़े या रूमाल में बांध कर पोटली बना लें।  इन्हें सूंघने से नाक खुल जाएगी।
पेट संबंधी समस्याओं में कारगर
दही में काली मिर्च और काला नमक मिलाकर खाने से पाचन संबंधी विकार दूर होते हैं। छाछ में काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर पीने से पेट के कीटाणु मरते हैं और पेट की बीमारियां दूर होती हैं।

पेट में गैस की समस्या होने पर एक कप पानी में आधे नीबू का रस, आधी चम्मच पिसी काली मिर्च, आधा चम्मच काला नमक, एक चम्मच अदरक का रस व शहद मिला कर पिएं।

कब्ज होने पर 4-5 काली मिर्च के दाने दूध के साथ रात में लेने से आराम मिलता है।

बदहजमी होने पर कटे नीबू के आधे टुकड़े के बीज निकाल कर थोड़ा-सी काली मिर्च और काला नमक लगाकर चूसें।

काली मिर्च को हींग और अजवायन के साथ लेने से हैजा में आराम मिलता है।

गुर्दे की पथरी में फायदेमंद
बेलपत्र में थोड़ा-सा पानी मिलाकर पीस लें। इसमें एक साबुत काली मिर्च डाल कर रात भर रखें। सुबह इसे खा लें। दूसरे दिन 2 काली मिर्च और तीसरे दिन 3 खाएं। ऐसे 7 काली मिर्च तक पहुंचें। आठवें दिन काली मिर्च की संख्या घटाना शुरू करें और वापस एक तक आ जाएं। दो सप्ताह तक यह प्रक्रिया दोहराएं।

आंखों के लिए उपयोगी
कमजोर आंखों की स्थिति में काली मिर्च को शहद के साथ मिलाकर खाना फायदेमंद है।
ब्लड पे्रशर को करे नियंत्रित
इसके लिए दिन में 2-3 बार 5 दाने काली मिर्च और 20 दाने किशमिश का सेवन करें।
याददाश्त बढ़ाने में सहायक
काली मिर्च शहद में मिलाकर खाने से कमजोर याददाश्त में फायदा
होता है।
दांतों के लिए फायदेमंद
नमक के साथ काली मिर्च मिलाकर दांतों में मंजन करने से पायरिया ठीक होता है। दांतों में चमक और मजबूती बढ़ती है।
(श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट की नेचुरोपैथी फिजिशियन डॉ. अंजलि शर्मा से की गई 
बातचीत पर आधारित) 

Monday, 18 November 2019

Renatus Nova

#Renatus_Nova - बीमारियों का दुश्मन
👉🏿 क्या आपको आपके परिवार या किसी अपने की सेहत और ज़िंदगी की चिंता है तो plz इस मैसेज को पूरा पढ़ें और पढ़कर IGNORE ना करें क्योंकि हो सकता है कि आपके इग्नोर करने से आपका कोई खास अपना किसी बिमारी की वजह से  खूदा को प्यारा हो जाए और आपके पास अफ़सोस करने के अ8लावा और कुछ भी ना हो..

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Sunday, 17 November 2019

ayodhya

*अयोध्या के विकास की तूफानी तैयारी शुरू*
*1. सबसे पहले अयोध्या तीर्थ विकास परिषद का गठन*
*2. अयोध्या में 100 करोड़ से रेलवे स्टेशन का विस्तारीकरण*
*3. अयोध्या से फैजाबाद के बीच 5 किलोमीटर का फ्लायओवर*
*4. अयोध्या में सरयू नदी के किनारे बनेगी राम भगवान की 251 मीटर की विश्व की सबसे बड़ी (STATUE OF UNITY से भी बड़ी) मूर्ति*
*5. अयोध्या में बनेगा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा जिसका कार्य इतना जल्दी होगा कि अप्रैल 2020 में राम नवमी (रामजन्मोत्सव) पर पहली उड़ान भरी जा सके*
*6. अयोध्या में दिसंबर से 5 पांच सितारा होटल का काम शुरू होगा।*
*7. अयोध्या में दिसम्बर से 10 बड़े रिसोर्ट का काम भी शुरू होगा।*
*8. 2000 कारीगर 1 दिन में 8 घंटे काम करते है तो 2.5 वर्ष में मंदिर बन कर तैयार हो जायेगा। जबकि अभी 65% पत्थर तराशे जा चुके है।*
*9. अयोध्या में सरयू नदी में क्रूज चलाने की तैयारी*
*10. तिरुपति की तरह अयोध्या नगर बसने में लगेंगे 4 साल का समय*
*11. भारत के अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर देश का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल बनेगा।*
*12. अयोध्या में बनेगा अंतरराष्ट्रीय बस अड्डा*
*13. अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के आसपास के 5 किलोमीटर के मंदिर की देखभाल की जिम्मेदारी भी बनने वाला ट्रस्ट देखेगा*
*14. मंदिर के पास 77 एकड़ परिसर में बनेगे कई धार्मिक संस्थान*
*15. अयोध्या के राम मंदिर के पास में गो शाला, धर्मशाला ओर वैदिक संस्थान के साथ कई धार्मिक परिसर बनाये जाएंगे।*
*16. अयोध्या में 10 श्री राम द्वार बनाये जाएंगे।*
*17. अयोध्या आध्यात्मिक नगरी के रूप में विकसित होगी।*
*18. 10000 रैनबसेरा का निर्माण होगा।*
*19. भगवान राम से जुड़े सभी कुंडो का पुर्निर्माण होगा।*

alfred nobel

*Sunday Story*

How a mistake led to the Nobel Prizes!

Alfred Nobel was a very wealthy and successful man. He had become an expert in chemistry and invented three of the most commonly used explosives in the world - dynamite, gelignite (used in mining) and ballistite, which is still used as a rocket propellant today. 

With the huge fortune he made from these inventions, Nobel bought an engineering company called Bofors and turned it into an arms manufacturer. He made another enormous fortune designing cannons and guns and selling them around the world. 

Then, in 1888, Alfred’s brother died while visiting France. 

A French newspaper thought it was Alfred who had died and they published an obituary that began like this: THE MERCHANT OF DEATH IS DEAD. Dr. Alfred Nobel, who became rich by finding ways to kill more people faster than ever before, died yesterday…. 

Alfred Nobel was shocked. Was this what people thought of him? Was this the legacy he would leave to the world? 

That’s when he decided to use his vast wealth to make a positive difference. Nobel set up a foundation with $250 million dollars in funding. Every year the foundation would consult the leading experts in the world and hand out prizes to people who had made great contributions to humanity. There would be prizes for sciences, for literature, and for promoting peace. 

Today the Nobel Prizes are probably the best known and most prestigious awards in the world. They have been awarded to great scientists, authors and activists and helped draw attention to many outstanding works and worthy causes. 

Nobel set up his foundation in 1895 just in time to influence his own obituary. He died only a year later. The Nobel Prizes accomplished his wish; they created a very different legacy for him than a reputation as “The Merchant of Death.” 

He is not remembered as an explosives inventor or arms dealer, but as one of the greatest philanthropists of all time. He is also a great example of how it is never too late to change your life and help make the world a better place. 

Wonder how we will be remembered as?

Saturday, 16 November 2019

awpl PRODUCTS

How can use your Awpl  products 
Please note in your diary 

⭕ Immunodoc.
Dose.khane ke 1 ghante bad 20ml.2 time 
Gas ke case me khane se 1ghante pahle

⭕Chalorodoc.
Dose.25ml 1time khane se pahle
⭕Pilodoc.
Dose.subah 30 ml. khane se pahle.
dopahar 30ml.khane ke bad.
rat ko 30ml.khane ke bad

⭕Dibodoc
▶Dose.khane se 1 ghanta pahle 20 ml .2 time
🙂Parhej.chaval aalu.mitha.dudh nahi khana hai 
▶Khali pet na rahe ,thus thus ke na khaye ,over dose na khaye
▶Salad jayda khaye.
Dibodoc ke sath Thunderblast jarur de.
⭕Thyrodoc.
▶Dose.khali pet.30 ml.2 time 
▶Thyrodoc  ke sath immunodoc jarur de
⭕Orthodoc.
▶Dose.khane ke 1 ghante bad 2 time ..20 ml. 60 ml gunguna pani me 20 ml milake chay jaise pina hai
▶Orthodocorthod ke sath Thunderblast dena aniwary hai
⭕Jco.
Body ke uper  me jahan dar hai 
Wahan milake chhod de.
⭕Obeodoc.
▶Dose .Khane se 1 ghane pahle 30 ml 2 time
ObeodocObeodo ke sath chalorodoc
▶.Pani jayada piye 
Weigh ÷20= 80÷20= 4 litter pani 
Subah uthne ke bad 4 gilas gunguna pani 
▶Subah Exercise jarur kare.
Breakfast je salad jayada khana hai
▶Parhej 
Chaval .meet.murga.tel.ghee.
Khali pet nahi rakhna hai 
Khana time to time khaye
But jayada bar na khaye.
⭕ Thunderblast.
▶Dose.khane ke 1 ghane bad 20 ml .2 time 
▶dudh 200ml bad me jarur piye
▶note.obidoc ,and Dibodoc.ke sath thunderblast jab de to dhudh na den
⭕ Gynodoc.
▶dose.khane 1 ghane bad 20ml.2 time

⭕Cordiodoc.
▶Dose.20 ml 2 time 
khane se pahle ya khane ke bad chahe jaise bhi de
▶ cordiodoc ke sath livodoc de sakte hai
⭕Livodoc.
▶dose.khane ke 1 ghante bad 20 ml 2 time
⭕Stonodoc.
▶dose.khane 1ghane bad 20ml 2 time
Pani 4 litter jayada piye
▶.Parhej .Bij wala sabji .Masala.na len
⭕Fevodoc.
▶Dose.
Khane ke 10minuts bad 20 ml 4 time 
Year .1se5...5ml
5se10....10ml...
10se15.....15ml
15se20....20ml.
Age ke hisab se lena hai
⭕Herbal Tea.
▶dose .Jab aapka man ho tab le sakte hai
Dudh nahi milana hai
▶panai ubal ke tea test ke anusar dal den aur gais band kar den kuchh der bad chhan ke pi len
⭕kidgdoc
Memory power badhata hai
▶Dose.2time
Year .1se5...5ml
5se10....10ml...
10se15.....15ml
15se20....20ml.
⭕Panch tulsi
▶1bund Tulsi 1 gilas pani me lekar pi sakte hai 
Jab pani piye tulsi jarur milake piye 
⭕Noni
▶dose
20ml 2 time khane ke 1 ghante bad le sakte hai
⭕Aloevera
▶. Hairfal skin brightness me kaam karega

▶dose.jab marji tab pi len 10 ml
⭕prododoc.
▶Koi bhi le sakta hai
Excuse 
Khane ke bad 10se 20 gm dudh ke sath
▶ Suger wale ko prododoc . Immunodoc nahi dena hai 
Thunderblast jab de to dudh nahi pina hai
⭕beauti care 
As yours choice
⭕ personal care 
As yours choice
⭕Dentodoc.
Badbu ,payriya
Sensitivity and 
Acidity ke case me 

God bless you to all🙏

Friday, 15 November 2019

guru nanak

गुरु नानक और अकर्मयता का रोग

(गुरु नानक प्रकाशोत्सव पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ ने गुरु नानक को स्मरण करते हुए कहा कि गुरु नानक ने अत्याचारी बाबर को जाबर कहकर धिक्कारा था। हिन्दू समाज इतिहास और धार्मिक ग्रंथों से प्रेरणा न लेकर अपने वर्तमान और भविष्य को अँधेरे में ले जा रहा हैं। अन्यथा उसे अपने विरोधी और मित्रों में भेद करना सदियों पहले आ जाता। इस लेख में गुरु नानक के वचनों से हम प्रेरणा ले सकते है।)

डॉ विवेक आर्य

गुरु नानक ने बाबर नामक राक्षस को भारत की प्रजा पर अकथनीय अत्याचार करते अपनी आँखों से देखा था। गुरु नानक ने इस अत्याचार से व्यथित होकर अपने मन की इच्छाओं को अपनी रचनाओं के माध्यम से प्रस्तुत किया था। यह रचनायें उस काल में देश तथा समाज की तत्कालीन समस्याओं के प्रति उनकी जागररुकता को प्रकट करती है। ‘उस समय में देश के शासक भोग- लिप्सा तथा मातृभूमि के प्रति अकर्मण्यता का भाव से पीड़ित थे। विदेशियों और विधर्मियों का प्रतिरोध करने के बजाय वे अपनी स्वार्थ पूर्ति और रंगरेलियों में लगे रहते थे। यह देखकर गुरू नानक ने उनको बड़े रोषपूर्वक फटकारा।

गुरु नानक लिखते है-

राजा सिंह मुकद्दम कुत्ते- जाइ जगाई बैठे सुत्ते ।।
चाकर नहंदा पाईन्ह घाउ- रत पितु कुतिहां चटि जाहु।
जिथै जींआ होसी सार- नकी बड़ी लाइन बार॥
अर्थात्- ‘‘वर्तमान समय के राजा शेर- चीतों की तरह हिंसक हैं और उनके अधिकारी कुत्तों की तरह लालची हैं और निर्दोष जनता को अकारण ही पीड़ित करते रहते हैं। राजकर्मचारी अपने नाखूनों से जनता को घायल करते रहते हैं और उसका खून कुत्तों की तरह ही चाट जाते हैं। परलोक में जब इनकी जाँच की जायेगी तो इनकी नाक काटी जायेगी।’’

बाबर के सैनिकों ने चारों तरफ तबाही पैदा कर दी और लोगों के धन, मान तथा इज्जत को मिट्टी में मिला दिया। उस भयंकर काल में भारतीय नारियों की दुर्दशा का चित्रण करते हुए उन्होंने लिखा है-

जिन सिरि सोहनि पाटियाँ माँगी पाई संधूर ।।
से सिर काती मुनीअन्हि गल बिच आवे धूड़ि। ।।
महला अंदरि होदीआ हुणि वहणिन मिलन्ह हटूरि॥१
जदहु सीआ बिआहीआ लाड़े सोहनि पासि।
हीडोली चढ़ि आईआ दंद खंड दीदे रासि।
उपपहु पाणी बीरिऐ झले झपकनि पासि।।२
इक लखु लहन्हि बहिठीआ लखु लहन्हि खड़ी आ।
गरी छुहारे खाँदीआ माणन्हि से जडीआ ।।
तिन्ह गलि सिलका पाईया तुरीन्ह मोत सरी आ॥३
धनु जोवन दुइ वैरी होए जिन्ही रखे रंगु लाइ ।।
दुता नो फुरमाइया लै चले पति गवाई। ।।
अर्थात्- ‘‘जिन स्त्रियों के सिर में सुंदर पट्टियाँ शोभित होती थीं, जिनकी माँग में सिंदूर भरा हुआ था, अत्याचारियों ने उनके केश काट डाले और उन्हें भूमि पर इस तरह घसीटा कि गले तक धूल भर गई। जो महलों में निवास करती थीं, उनको अब बाहर बैठने को भी जगह नहीं मिलती। विवाहित स्त्रियाँ जो अपने पतियों के पास सुशोभित थीं, जो पालकियों में बैठकर आई थीं, जिन पर जल न्यौछावर करते थे, जड़ाबदार पंखों से हवा करते थे, जिन पर लाखों रूपये लुटाये जाते थे, जो मेवा मिठाई खाती थीं, सेजों पर सुख भोगती थीं, अब अत्याचारी उनको गले में रस्सी डालकर खींच रहे हैं और उनके गले की मोतियों की मालाएँ टूट गई हैं अभी तक धन और यौवन ने उन्हें अपने रंग में रंग रखा था, अब वह दोनों उनके बैरी हो गये। सिपाहियों को आज्ञा मिली और वे उनकी इज्जत को लूटकर चले गए।’’ अपने देश के संपन्न वर्ग की उस कठिन समय में कैसी दुर्गति हुई, उसकी एक झलक इस कविता में मिलती है।

जब मनुष्य इस प्रकार विवश हो जाता है और अत्याचार का कुछ प्रतिकार नहीं कर सकता तो वह भगवान् को उलाहना देने लगता है कि तुम कैसे न्यायकारी और करुणासिंधु हो जो संसार में ऐसा अंधेरखाता मचवा रहे हो। इस भाव से प्रेरित होकर नानक जी ने आदिग्रंथ में लिखा-

खुरासान खसमान कीआ हिंदुस्तानु डराइआ।
आपै दोसु न देई करता जमु का मुगल चढ़ाइआ।
एती मार पई कर लणे तैं की दरदु न आइआ।
करता तू समना का सोई।
जो सकता सकते कउ मारे ता मनि रोसु न होई।
सकता सीहू मारे पै वर्ग खसमै सा पुरसाई। ।।

अर्थात्- ‘‘हे भगवान् ! बाबर ने खुरासान को बर्बाद किया ,, पर तुमने उसकी रक्षा न की और अब हिंदुस्तान को भी उसके आक्रमण से भयभीत कर दिया है। तुम स्वयं ही ऐसी घटनाएँ कराते हो, परंतु तुमको कोई दोष न दे इसलिए तुमने मुगलों को यमदूत बनाकर यहाँ भेज दिया। सर्वत्र इतनी अधिक मार- काट हो रही है कि लोग त्राहि- त्राहि पुकार रहे हैं। पर तुम्हारे मन में इन निरीह लोगों के प्रति तनिक भी दर्द पैदा नहीं होता। हे भगवान् ! तुम तो सभी प्राणियों के समान रूप से पालनकर्ता कहलाते हो, फिर यदि एक शक्तिशाली दूसरे शक्तिशाली सिंह, निरपराध पशुओं के झुंड पर आक्रमण करे तो उनके स्वामी को कुछ तो पुरूषार्थ दिखाना चाहिए।’’

इस तरह परमात्मा को जोरदार उलाहना देकर नानक जी ने इस देश के प्रमुख शासकों तथा बड़े लोगों को भी फटकारा है कि तुमने अपने कर्तव्य को बिसरा दिया और भोग- विलास में डूब गए, उसी का नतीजा इस तरह भोग रहे हो-

रतन बिगाड़ बिगोए कुतीं मुइआ सार न काई।
आगो देजे चेतीए तो काइतु मिलै सजाइ।
शाहां सुरति गबाईआ रगि तमासै चाइ।
बाबर वाणी फिरि गई कुइरा न रोटी खाई।
इकता बखत खुआई अहि इकंहा पूजा खाई।
चउके विणु हिंदवाणीआ किउ टिके कढहि नाइ ।।
राम न कबहू चेतिओ हुणि कहणि न मिलै खदाई।

अर्थात्- ‘‘इन नीच कुत्तों (विलासी शासकों) ने रतन के समान इस देश को बिगाड़कर रख दिया। इनके मरने के बाद कोई इनकी बात भी नहीं पूछेगा। अगर ये पहले से ही सावधान हो जाते तो हमको ऐसी सजा क्यों मिलती? पर यहाँ के शासक तो सदा रंग तमाशों में ही डूबे रहे, उन्हें अपने कर्तव्य का ध्यान ही न था। नतीजा यह हुआ कि इस समय चारों ओर बाबर की दुहाई फिर गई है, किसी को रोटी तक खाने को नहीं मिलती। मुसलमानों (पठानों) की नमाज का समय जाता रहा और हिंदुओं की पूजा छूट गई। अब चौके के बिना हिंदू स्त्रियाँ किस प्रकार अपनी पवित्रता की रक्षा करेंगी? जिन्हें कभी राम शब्द भी याद नही आया था, अब वे आक्रमणकारियों के भय से खुदा को याद करना चाहते हैं, परंतु जालिम लोग उनको खुदा भी नहीं कहने देते।’’

खेद का विषय है कि इस प्रकार की जिल्लत उठाकर और अमानुषी दंड सहन करके भी हिंदुओं की आँखें नहीं खुलीं। उसके पश्चात् भी मानसिंह, जयसिंह, यशवंतसिंह आदि प्रमुख राजपूत नरेश मुगल बादशाहों के अनुचर बनकर अपने ही भाइयों को पराधीन बनाने का पाप- कर्म करते रहे। उसके बाद जब अंग्रेज आए तब भी हिंदुओं ने ही उनके सहायक बनकर शासन- कार्य में हर तरह से सहयोग दिया और आज के दिन भी इस जाति की पारस्परिक फूट, मत- विरोध, कर्तव्यहीनता स्पष्ट दिखाई पड़ रही है।

यह अकर्मयता, विलासिता, चिरनिंद्रा, जातिवाद का रोग आज भी वैसा का वैसा अपितु पहले से भी भयंकर बना हुआ है। पाकिस्तान, बांग्लादेश में हिंदुओं की हालात का तो विचार कब होता। अपने ही देश में कश्मीर,असम, बंगाल, केरल, कैराना उत्तर प्रदेश में हिन्दू चंद वर्षों में अल्पसंख्यक हो गए मगर तब इनकी आंख नहीं खुली। जागो अब तो जागो। नानक के सन्देश को समझो। और अपनी जाति, अपने वेद, अपने राम और कृष्ण की रक्षा करो।

mlm

👇👇👇👇👇👇👇 मैं 10 कंपनियां बदल चुका हूँ, भगवान जाने कौन सी कम्पनी में लाखों करोड़ों कमाऊंगा।।
*एक आदमी सड़क पर खड़ा होकर यह सब चिल्ला रहा था।।*

मैंने उससे उत्सुकता से पूछ लिया, कि एक कम्पनी में कितने समय तक काम किया ??

*उसने कहा, पूरे 1 साल तक।।*

मैंने पूछा सीखने में कितना वक्त लगाया ??

*उसने कहा, अजी सीखना क्या है.. बस लोगों को जोड़ना ही तो है।।*

तब मैंने सोचा जो लोग आज नेटवर्क मार्केटिंग के बारे में नकारात्मक बातें करते हैं *कहीं उनमें से अधिकांश लोग इन महाशय की तरह ही तो नही है।।*

दुनिया की किसी भी नेटवर्क मार्केटिंग में प्रवेश करने का रास्ता बेहद आसान है।।
*आप चाहें तो रोजाना एक कंपनी को जॉइन कर सकते हो और बहुत से लोगों के लिए यह एक फैशन की बात है।।*

कंपनी जॉइन करने में चूक एक बार हो सकती है लेकिन बार बार कंपनिया बदलना गलती पर गलती कहलाता है।।

*अगर ये महाशय ऐसा कर रहे हैं तो दरअसल इनका मन स्थिर नही है।। ना तो ये समझदार हैं और ना ही किसी अन्य को समझाने योग्य।।*

इन्होंने नेटवर्क मार्केटिंग को जादू की छड़ी समझा है जो इनको एक साल में धनवान बना देगी।।

*हालांकि इस व्यापार में कम समय में भी धनवान बनना संभव है लेकिन उसके लिए आपको नेटवर्क बनाने के नियम पता होना चाहिए।।*

नेटवर्क मार्केटिंग अपने आप में बहुत ही ईमानदार व्यापार है।।
*अगर शर्ते आपके अनुसार हो तो यह आपको एक राजा की तरह रुतबा दिला सकती है।।*

लेकिन इसके लिए आपको भी ईमानदारी से इसके बुनियादी बातों को समझते हुए एक विशाल नेटवर्क की स्थापना करनी होगी ।।

*एक आदमी बहुत सारा काम करे उससे अच्छा है बहुत सारे लोग एक टीम के रूप में थोड़ा थोड़ा काम करे, यही नेटवर्क मार्केटिंग है।।* 

साथ ही नेटवर्क मार्केटिंग एक ऐसा मौका है जहां आप अपने व्यक्तित्व को निखार सकते हो और जितना चाहे ऊंची उड़ान भर सकते हो।।

*यहां आप किताबी पढ़ाई नही बल्कि जीवन के उतार चढ़ावों से रूबरू होते हो......बल्कि कहा जाए तो एक रोमांचक जीवन आप इस व्यापार में रहते हुए जी सकते हो, जहाँ रोजाना एक नई चुनोती आपके जीवन का रोमांच बढ़ा देती है।।*

आगे और भी बहूत सी बातें आपसे होती रहेंगी.....।।
*मैं आप का उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ......।।*

Kalpamrit, की सफलतम दुनिया में हम आपका स्वागत करते हैं साथियों 🌹🌹🌹🌹🌹

*और किसी भी जानकारी के लिए आप संपर्क कर सकते हैं इस नंबर पर :-*
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Tuesday, 12 November 2019

Rajput

#राजा__जसवंत__सिंह__पँवार__
राजपुतो की वीरता और क्षत्रिय धर्मं परायणता की एक ओर सच्ची कहानी, उज्जैन के राजा जसवंत सिंह पँवार  ही नहीं उनके सैनिक भी शूरवीर योद्धा राजपूत थे। 

 एक बार एक खबर आई कि मुसलमान सेना भारत मे घुसने वाली हैं। तभी राजपुती सेना तैयार हो गई ओर निकल पडी देश ओर धर्म कि रक्षा करने के लिए, मुसलमान सेना जानती थी की अगर क्षत्रिय राजपुतों से टकराए तो बहुत कुछ खोना पडेगा , इसलिए मुल्लो ने एक तरीका निकाला जिससे युद्ध हो लेकिन सेना से नहीं, 
शहादत खान ने राजा जसवंत सिहं से कहा कि एक वीर राजपूत सेना की तरफ से लडेगा और दूसरा हमारी तरफ से जो जीतेगा उसकी बात रहेगी। 

राजा जसवंत सिंह ने हा कर दी और कहा पहले अपनी तरफ से वीर भेजो , खान ने सेना के सबसे ताकतवर 8 फिट लंबे योद्धा को भेजा , तब राजा जसवंत सिंह ने कुछ देर तक अपनी सेना कि तरफ देखा , तो खान बोला '' क्या हुआ डर गए क्या?? 

तब राजा जसवंत सिंह ने जवाव दिया कि मै किस वीर को चुनू मेरी सेना मे सारे क्षत्रिय राजपूत वीर ही हैं अगर किसी 1 को चुना तो सेना मे लडाई हो जाएगी, कि मुझे क्यों नही चुना। 

राजा ने खान से कहा- कि तु अपने आप चुनले किसी को भी, तो उस कायर मुसलमान ने 1 बुढढा राजपूत को चुना, जभी वो बुढढा राजपूत सीना चौडा करके आगे लडने आता हैं। 

लडाई शुरु हुई देखते - देखते उस मुसलमान ने राजपूत के पेट को भाले से चीर दिया और उपर उठा दिया , सब देखकर दंग रहा गए कि ये क्या हुआ , तभी राजा ने आदेश दिया की '' काट दो इस सेनिक को , तभी उस भाले पर लटके राजपूत ने तलवार निकाली ओर झट से उस मुल्ले का सिर काट डाला और भाले सहित सेना मे आ खडा हुआ। 

सब उस राजपूत की वीरता को देखकर दंग रहा गए, और मुसलमान सैनिको को वापस लोटना पड़ा, 
विजय या वीरगति।। 

जय क्षात्र धर्म🙏⚔
जय राजपूताना🗡

Sunday, 3 November 2019

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