Saturday, 28 April 2018
Sunday, 30 July 2017
Caste system ब्राह्मण राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है!
की शुद्र को दबाया गया कुचला गया कुछ हद तक सही है ये लेकिन ये कहाँ तक उचित है की अगर आप पर जुल्म हुवे तो उसे गा गा कर दुनिया को सुनाये और उसी जाति ने जब आपको अपने सर आखों पर बिठाया तो उसका नाम भी ना लें ???
उनमे 4 ब्राह्मण 18 क्षत्रिय ,21 वैश्य और 3 शुद्र और 1 सूत के लिए आरक्षित था!
वैसे ही #गुंडा शब्द!
ब्राह्मण राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है!
ऐसे ब्राह्मण थे द्रोणाचार्य!
हमने कभी नहीं सोचा हमारे देश की संस्कृति, धर्म और आर्थिक स्थिति क्यों सबसे महान थी।
Rainy monsoon means चौमासा के कर्तव्य-
चौमासा के कर्तव्य-
वर्षा ऋतु के आगमन के साथ ही
पर्यटन, आवागमन दक्षिणायन के कारण विवाह आदि संस्कार उत्सव को छोड़कर पूरी तरह से कृषिकार्य में ध्यान लगाने का विधान है क्योंकि वर्षा वाली खेती में चूक से पूरा साल अन्न का संकट हो जाता है।
आषाढ़ और एक पक्ष श्रावण के परिश्रम से जब धान, मक्का, ज्वार, बाजरा , तिल, माष की खेती बढ़ने लहराने लगती है किसान के पास विशेष काम नहीं होता है ऐसे समय में
"श्रावणी उपाकर्म "
नाम का अनुष्ठान आरंभ होता है। नगर, ग्राम से दूर आश्रमों, साधनास्थलों से योगी, तपस्वी, विद्वानों को अपने- अपने नगर ग्राम में आमंत्रित करते हैं। श्रावण पूर्णिमा के दिन नर- नारी एकत्रित होकर नया यज्ञोपवीत जनेऊ धारण करते हैं। श्रेष्ठ विद्वान् के साथ स्वाध्याय और सत्संग का सत्र आरंभ होता है। योग और वेद शास्त्र के सिद्धांतों की सूक्ष्मता से अध्ययन, विवेचन, विमर्श किया जाता है, सभी शंकाओं पर गहन विमर्श द्वारा समाधान होता है। योगाभ्यास और ध्यान का अभ्यास होता है। पूरे सत्र में वेद के किसी सूक्त, मण्डल, अध्याय, किसी उपनिषद व शास्त्र के स्वाध्याय पठन-पाठन को पूरा करने का संकल्प लिया जाता है।
इस श्रावणी उपाकर्म सत्र की परंपरा के कारण ,
वैदिक साहित्य के स्वाध्याय के कारण,
वैदिक विद्वानों और योगियों के साथ सत्संग और योगाभ्यास के कारण,
इस देश के निवासियों का आध्यात्मिक और भौतिक ज्ञान विश्व में सदैव चरम पर रहा।
Dr Abdul Kalaam
डॉ० एपीजे अब्दुल कलाम की चन्द लाईनें जो हमे जीवन में हमेशा याद रखनी चाहिए। और हो सके तो उसे अमल भी करना चाहिये।
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1. जिदंगी मे कभी भी किसी को
बेकार मत समझना,क्योक़ि
बंद पडी घडी भी दिन में
दो बार सही समय बताती है।
2. किसी की बुराई तलाश करने
वाले इंसान की मिसाल उस
मक्खी की तरह है जो सारे
खूबसूरत जिस्म को छोडकर
केवल जख्म पर ही बैठती है।
3. टूट जाता है गरीबी मे
वो रिश्ता जो खास होता है,
हजारो यार बनते है
जब पैसा पास होता है।
4. मुस्करा कर देखो तो
सारा जहाॅ रंगीन है,
वर्ना भीगी पलको
से तो आईना भी
धुधंला नजर आता है।
5..जल्द मिलने वाली चीजे
ज्यादा दिन तक नही चलती,
और जो चीजे ज्यादा
दिन तक चलती है
वो जल्दी नही मिलती।
6. बुरे दिनो का एक
अच्छा फायदा
अच्छे-अच्छे दोस्त
परखे जाते है।
7. बीमारी खरगोश की तरह
आती है और कछुए की तरह
जाती है;
जबकि पैसा कछुए की तरह
आता है और.खरगोश की
तरह जाता है।
8. छोटी छोटी बातो मे
आनंद खोजना चाहिए
क्योकि बङी बङी तो
जीवन मे कुछ ही होती है।
9. ईश्वर से कुछ मांगने पर
न मिले तो उससे नाराज
ना होना क्योकि ईश्वर
वह नही देता जो आपको
अच्छा लगता है बल्कि
वह देता है जो आपके लिए
अच्छा होता है
10. लगातार हो रही
असफलताओ से निराश
नही होना चाहिए क्योक़ि
कभी-कभी गुच्छे की आखिरी
चाबी भी ताला खोल देती है।
11. ये सोच है हम इसांनो की
कि एक अकेला
क्या कर सकता है
पर देख जरा उस सूरज को
वो अकेला ही तो चमकता है।
12. रिश्ते चाहे कितने ही बुरे हो
उन्हे तोङना मत क्योकि
पानी चाहे कितना भी गंदा हो
अगर प्यास नही बुझा सकता
वो आग तो बुझा सकता है।
13. अब वफा की उम्मीद भी
किस से करे भला
मिटटी के बने लोग
कागजो मे बिक जाते है।
14. इंसान की तरह बोलना
न आये तो जानवर की तरह
मौन रहना अच्छा है।
15. जब हम बोलना
नही जानते थे तो
हमारे बोले बिना'माँ'
हमारी बातो को समझ जाती थी।
और आज हम हर बात पर
कहते है छोङो भी 'माँ'
आप नही समझोंगी।
16. शुक्र गुजार हूँ
उन तमाम लोगो का
जिन्होने बुरे वक्त मे
मेरा साथ छोङ दिया
क्योकि उन्हे भरोसा था
कि मै मुसीबतो से
अकेले ही निपट सकता हूँ।
17. शर्म की अमीरी से
इज्जत की गरीबी अच्छी है।
18. जिदंगी मे उतार चङाव
का आना बहुत जरुरी है
क्योकि ECG मे सीधी लाईन
का मतलब मौत ही होता है।
19. रिश्ते आजकल रोटी
की तरह हो गए है
जरा सी आंच तेज क्या हुई
जल भुनकर खाक हो जाते।
20. जिदंगी मे अच्छे लोगो की
तलाश मत करो
खुद अच्छे बन जाओ
आपसे मिलकर शायद
किसी की तालाश पूरी हो।